दो अधिकारियों के बीच चल रही तनातनी में पिस रहे जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों एवं मजदूर। वित्तीय अधिकार शून्य होने से जिले डेढ़ सौ कर्मचारी और पांच सौ से अधिक मजदूरों को नहीं मिल रहा वेतन।

दो अधिकारियों के बीच चल रही तनातनी में पिस रहे जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों एवं मजदूर।

 

वित्तीय अधिकार शून्य होने से जिले डेढ़ सौ कर्मचारी और पांच सौ से अधिक मजदूरों को नहीं मिल रहा वेतन।

      

 

 

शाहगढ़।मध्यप्रदेश के जल संसाधन विभाग सागर संभाग डिवीजन क्रमांक-1 में दो अधिकारियों के बीच चलती खींच तान अब उनके अधिनस्थ कर्मचारियों और विभाग एवं विभाग की नहरों पर काम करने वाले गरीब मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। दो अधिकारियों के बीच चलने वाली इस तनातनी में विभाग ने जल संसाधन विभाग सागर के वित्तीय पावर शून्य कर दिए जिसके चलते पिछले तीन महीनों से समूचे सागर जिले के करीब डेढ़ सौ कर्मचारियों और विभाग में कार्य करने वाले पांच सौ से अधिक मजदूरों का वेतन नहीं मिल सका है। स्थिति ऐसी बनी हुई है कि छोटे कर्मचारी और मजदूर पिछले तीन महीनों से दुकानदारों से उधार लेकर अपने परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर हैं। अब तो नौबत ये आ गई है की दुकानदार भी आगे उधार देने में आनाकानी करने लगे हैं। गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग सागर संभाग डिवीजन क्रमांक एक में राजेंद्र सिंह ध्रुवे कार्यपालन यंत्री के पद पर कार्यरत थे लेकिन विभाग द्वारा अचानक नवंबर में इनको भारमुक्त कर दिया गया और इनकी जगह तीन साल से पदस्थ अखिल बिल्थरे ने फिर से कार्यभार ग्रहण किया। लेकिन छह माह तक पदस्थ रहें राजेंद्र सिंह ध्रुवे विभाग के इस फैसले से नाखुश रहे ओर पूरे प्रकरण को लेकर न्यायालय की शरण में पहुंच गए। अधिकारियों के बीच होती तनातनी को देखते हुए विभाग द्वारा वित्तीय पावर शून्य कर दिए गए और तब से लेकर आज दिनांक तक वित्तीय पावर शून्य है। नतीजतन बीते तीन महीनों से न तो कर्मचारियों को वेतन मिली है और न ही मजदूरों का भुगतान किया गया है। कर्मचारियों का वेतन न मिलने से उनकी स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि उनको अपने परिवार का भरण पोषण भी अब दूभर हो चुका है। स्थिति को देखते हुए जिला पंचायत सदस्य गुलाब चंद गोलन ने भी पिछ्ले दिनों संसाधन विभाग भोपाल के प्रमुख अभियंता को एक पत्र लिखा था और पत्र के माध्यम से जल संसाधन विभाग सागर संभाग क्रमांक 1 के किसी भी एक अधिकारी को वित्तीय पावर दिए जाने का अनुरोध किया था ,जिससे कि जल्द से जल्द कर्मचारियों के वेतन भत्तों का भुगतान किया जा सके। आपको बता दें कि देवरी, केसली, गड़ाकोटा,में कर्मचारी पदस्थ हैं, इसके अलावा छतरपुर जिले की तहसील घुवारा के छह शाहगढ़ तहसील के बीला चंदिया समेत छह, बंडा के दस, सहित सागर के करीब बीस तालाबों की देखरेख व्यवस्था बनाने में कर्मचारी और मजदूर कार्यरत हैं।

 

.....जानकर भी बनें अनजान..

 

 जल संसाधन विभाग सागर डिवीजन नंबर एक के लगभग डेढ़ सौ कर्मचारी बीला चंदिया जैसे जिले के प्रमुख जलाशय में दैनिक मजदुरी कर अपना भरण पोषण कर रहे करीब पांच हजार मजदूरों को पिछ्ले तीन माह से मजदुरी के लाले पड़े जिसकी वजह विभाग के दो अधिकारीयों का मलाई दार विभाग की कुर्सी पर अपनी घुसपैठ बनाना, इन दोनों में चल रही कुर्सी की खींचतान में सही गलत के बिना अपने अपने राजनीतिक आकाओं का हस्तक्षेप होने से मामला हाई कोर्ट में उलझा कर अपना वर्चस्व स्थापित किया जा रहा है। तीन माह से मजदूरों को उनकी मजदूरी और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से उनके परिवार की दयनीय स्थिति निर्मित होती जा रही हैं, इस संबध में जल संसाधन विभाग सागर के मुख्य अभियंता युवराज वारके से बात की तो उन्होंने पहले अनभिज्ञयता जताई जब मीडिया द्वारा मामला बताया तो फिर जानकारी होने की पुष्टि कर दी लेकिन उलझे हुए मामले के संबंध कुछ भी कहने से परहेज कर दिया।

सागर डिविजन की कुर्सी का मामला भोपाल से होकर हाई कोर्ट में होने के बावजूद प्रमुख अभियंता भोपाल के विनोद देवड़ा ने तो मामले से पूरी तरह से खुद की अनभिज्ञयता जताई लेकिन वेतन और मजदूरों की मजदूरी क्यों लंबित है शीघ्र जानकारी लेकर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।